Unit 4 “प्रश्नावली”

प्रश्न 1: ऐकाइनोडर्मेटा (Echinodermata) के सामान्य लक्षण क्या हैं?

उत्तर:  ऐकाइनोडर्मेटा का अर्थ है “काँटेदार त्वचा वाले जीव”। यह समुद्री जंतुओं का एक प्रमुख समूह है, जिसमें उनकी अनूठी संरचनात्मक और शारीरिक विशेषताएँ होती हैं।

1. आवास (Habitat): ये सभी जंतु केवल समुद्री (Marine) होते हैं। ज्यादातर समुद्र की तलहटी (Benthic Zone) में रहते हैं।
2. शरीर की संरचना (Body Structure): सममिति (Symmetry): वयस्क अवस्था में पंचकोणीय सममिति (Pentamerous Radial Symmetry) होती है। लार्वा अवस्था में द्विपार्श्वीय सममिति (Bilateral Symmetry) होती है। शरीर का आकार (Body Shape): शरीर कठोर, काँटेदार, और चर्मयुक्त होता है। कोशिका स्तर (Triploblastic): तीन परतों (Ectoderm, Mesoderm, Endoderm) से बने होते हैं।
3. शरीर पर चूनेदार प्लेटें (Calcareous Plates) या काँटेदार संरचनाएँ होती हैं। अंतःकंकाल (Endoskeleton) कैल्शियम कार्बोनेट का बना होता है।
4. जल संवहनी तंत्र (Water Vascular System): ऐकाइनोडर्मेटा की सबसे विशिष्ट विशेषता है। इसमें मदरपोराइट (Madreporite) से जल प्रवेश करता है और नलिकाओं (Canals) के माध्यम से पूरे शरीर में पहुँचता है। यह तंत्र: गति (Movement), श्वसन (Respiration), भोजन ग्रहण (Feeding), उत्सर्जन (Excretion) में सहायक है।
5. ट्यूब फीट (Tube Feet या Podia) का उपयोग: गति (Locomotion), शिकार पकड़ने, सतह पर चिपकने के लिए होता है।
6. पाचन तंत्र पूर्ण (Complete) होता है। इनमें मुख (Mouth) और गुदा (Anus) उपस्थित होती है। कुछ के पाचन तंत्र में विशेष जटिल संरचनाएँ होती हैं, जैसे स्टारफिश में एवरटेबल स्टमक (Eversible Stomach)।
7. श्वसन और उत्सर्जन के लिए कोई विशिष्ट अंग नहीं होते। ये प्रक्रियाएँ: त्वचा की गिल्स (Dermal Branchiae), पोडिया (Tube Feet) ,पेरिविस्करल गुहा (Perivisceral Coelom) के माध्यम से होती हैं।
8. इनमें रक्त वाहिकीय तंत्र (Haemal System) और पेरिहेमल प्रणाली (Perihaemal System) होती है परिसंचरण धीमा और अपरिष्कृत होता है।
9. सिर और मस्तिष्क अनुपस्थित होते हैं। एक सरल तंत्रिका तंत्र जिसमें तंत्रिका छल्ला (Nerve Ring) और तंत्रिका कॉर्ड्स (Radial Nerves) होती हैं।

10. ये अधिकांशतः यौन जनन (Sexual Reproduction) द्वारा जनन करते हैं। कुछ उभयलिंगी (Hermaphrodite) और अधिकांश पृथकलिंगी (Dioecious) होते हैं। लार्वा अवस्था के बाद वयस्क बनते हैं।

11. ऐकाइनोडर्मेटा में अंगों को पुनः उत्पन्न करने की क्षमता (Regeneration) होती है। स्टारफिश (Starfish) खोए हुए भुजाओं को पुनः विकसित कर सकती है।
12. इनमें पूर्ण सहलग्नित शरीर गुहा (True Coelom) होती है।
उदाहरण (Examples): स्टारफिश (Starfish): सागर खीरा (Sea Cucumber)
आर्थिक महत्व (Economic Importance): समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • सागर अर्चिन और सागर खीरे का उपयोग भोजन के रूप में किया जाता है।
  • उनके भ्रूणीय विकास का अध्ययन चिकित्सा और जैवविज्ञान में सहायक है।
  • सागर अर्चिन और अन्य मृत ऐकाइनोडर्म का उपयोग जैविक उर्वरक के रूप में किया जाता है।

प्रश्न 2 : स्टारफिश का पारिस्थितिकीय महत्व क्या है?

उत्तर: स्टारफिश समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र (Marine Ecosystem) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये न केवल खाद्य श्रृंखला (Food Chain) का हिस्सा होती हैं, बल्कि पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने और समुद्री जीवन के विविध पहलुओं को प्रभावित करने में भी योगदान देती हैं।

  • स्टारफिश समुद्र में शीर्ष शिकारी (Top Predator) के रूप में काम करती हैं। ये बाइवल्व मोलस्क (जैसे सीप और क्लैम) जैसे जंतु खाती हैं। इनका शिकार समुद्री बायोम में शिकार और शिकारियों का संतुलन बनाए रखता है।
  • स्टारफिश बाइवल्व प्रजातियों (जैसे मसल्स और क्लैम्स) की अधिक संख्या को नियंत्रित करके अन्य प्रजातियों को जीवित रहने के लिए स्थान देती हैं।
  • कुछ स्टारफिश मृत और सड़ते हुए समुद्री जंतुओं को खाती हैं। यह समुद्र के तल को साफ रखने और पोषक तत्वों के पुनर्चक्रण (Nutrient Recycling) में मदद करता है।
  • स्टारफिश समुद्र की तलहटी में भोजन की खोज के दौरान तलछट (Sediment) को स्थानांतरित करती हैं। यह तलछट का मिलान पोषक तत्वों को फैलाने और छोटे जीवों के आवास में सुधार करता है।
  • स्टारफिश कई बड़े समुद्री प्राणियों, जैसे कि सीगल, मछलियों और समुद्री ऊदबिलाव (Sea Otters) के लिए भोजन का स्रोत हैं।
  • कुछ प्रजातियाँ, जैसे Crown-of-Thorns Starfish (Acanthaster planci), प्रवाल भित्तियों (Coral Reefs) के लिए हानिकारक हो सकती हैं। यह प्रवाल को खाती हैं, जिससे भित्तियों को नुकसान होता है।
  • हालांकि, यह जैव विविधता बनाए रखने के लिए भी योगदान कर सकती है।

स्टारफिश समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में शिकार, जैव विविधता बनाए रखने, पोषक तत्वों के पुनर्चक्रण, और आवास संशोधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। हालांकि, इनके कुछ प्रजातियां समुद्री पर्यावरण को असंतुलित भी कर सकती हैं। सही प्रबंधन और संरक्षण के माध्यम से, इनका पारिस्थितिकीय महत्व लंबे समय तक बनाए रखा जा सकता है।

प्रश्न 3 : स्टारफिश का पारिस्थितिकीय महत्व क्या है?

उत्तर: स्टारफिश (समुद्री तारा) का आर्थिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण योगदान है। इनकी भूमिका समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में अत्यधिक महत्वपूर्ण है, जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से विभिन्न उद्योगों पर प्रभाव डालती है।

  1. मछली पालन और मत्स्य उद्योग: स्टारफिश समुद्री खाद्य श्रृंखला का अहम हिस्सा होती हैं। ये शंख, मोलस्क और अन्य छोटे समुद्री जीवों का शिकार करती हैं, जिससे इन जीवों की संख्या नियंत्रित रहती है। यह प्रक्रिया समुद्र में अन्य मछलियों और क्रस्टेशियंस (जैसे झींगे, केकड़े) के लिए अनुकूल पर्यावरण तैयार करती है, जो मत्स्य उद्योग के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
  2. कोरल रीफ संरक्षण: कुछ प्रजातियाँ जैसे कि क्राउन-ऑफ-थॉर्न स्टारफिश, जब अधिक संख्या में बढ़ती हैं, तो प्रवाल भित्तियों को नुकसान पहुँचा सकती हैं, जो पर्यटन उद्योग के लिए एक खतरे के रूप में देखी जाती हैं। इनकी संख्या का नियंत्रण महत्वपूर्ण है, ताकि समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र और पर्यटन क्षेत्र पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
  3. जैव चिकित्सा शोध: स्टारफिश की अद्वितीय पुनः उत्पत्ति क्षमता और उनके अंगों के पुनर्निर्माण में शोध मानव चिकित्सा के लिए संभावनाएँ प्रदान करता है, जिससे चिकित्सकीय क्षेत्र में भी आर्थिक लाभ हो सकता है।

इस प्रकार, स्टारफिश समुद्री जीवन, जैव विविधता और विभिन्न उद्योगों के लिए आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण होती है।